Facts About Shiv chaisa Revealed
Facts About Shiv chaisa Revealed
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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥
शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज
प्रकटी उदधि मंथन में ज्वाला। जरत सुरासुर भए विहाला॥
ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
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ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥
जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
प्रगट उदधि मंथन में ज्वाला। जरे सुरासुर भये विहाला॥
नीलकण्ठ तब नाम कहाई ॥ पूजन रामचन्द्र जब कीन्हा ।
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
अर्थ: हे अनंत एवं नष्ट न होने वाले अविनाशी भगवान भोलेनाथ, सब पर कृपा करने वाले, सबके घट में वास करने वाले शिव शंभू, आपकी जय हो। हे प्रभु काम, क्रोध, मोह, लोभ, अंहकार जैसे तमाम दुष्ट मुझे सताते रहते हैं। इन्होंनें मुझे भ्रम में डाल दिया है, जिससे मुझे शांति नहीं मिल पाती। हे स्वामी, इस विनाशकारी स्थिति से मुझे उभार लो यही उचित अवसर। अर्थात जब मैं इस समय आपकी शरण में हूं, मुझे अपनी भक्ति में लीन कर मुझे मोहमाया से मुक्ति shiv chalisa lyricsl दिलाओ, सांसारिक कष्टों से उभारों। अपने त्रिशुल से इन तमाम दुष्टों का नाश कर दो। हे भोलेनाथ, आकर मुझे इन कष्टों से मुक्ति दिलाओ।
सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन